How to Access Mental Health Resource for Students in Schools
Shala Darpan अगर आप यह जानना चाहते हैं कि आपके बच्चे को स्कूल में मानसिक स्वास्थ्य सहायता कैसे मिल सकती है—तो आप सही जगह पर हैं। इस गाइड में मैं आसान भाषा में बताऊँगा कि आप कैसे कदम उठा सकते हैं, कौन-कौन से विकल्प मौजूद हैं, और कैसे सही मदद सुनिश्चित करें।

Government programs and service guidance
मनोडर्पण कार्यक्रम (Manodarpan)
यह सरकार का एक प्रयास है जिससे विद्यार्थियों, शिक्षकों और परिवारों को मानसिक दबाव और तनाव से निपटने में मदद मिलती है। इसमें टेली-काउंसलिंग, मार्गदर्शन सामग्री और हेल्पलाइन सेवाएँ शामिल हैं।
NCERT Counselling Services:
स्कूल बच्चों के लिए मुफ्त काउंसलिंग उपलब्ध कराते हैं। देशभर में कई काउंसलर विद्यार्थियों के लिए लाइव इंटरैक्टिव सत्र और योग-ध्यान से जुड़ी गतिविधियाँ आयोजित करते हैं।
स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम (School Health Programme)
इस कार्यक्रम का मकसद विद्यार्थियों में स्वास्थ्य, मानसिक जागरूकता, योग-ध्यान, इंटरनेट सुरक्षा और सकारात्मक व्यवहार को बढ़ावा देना है।
CBSE का काउंसलिंग मॉडल
CBSE ने स्कूलों के लिए ‘Counseling Hub and Spoke’ मॉडल शुरू किया है। इसमें बड़े स्कूल अपने संसाधन छोटे स्कूलों के साथ साझा करते हैं ताकि हर बच्चे को काउंसलिंग मिल सके। इसके अलावा, Career Guidance Dashboard Parent Involvement in Education भी उपलब्ध है, जिससे विद्यार्थियों और शिक्षकों को बेहतर मानसिक और करियर संबंधी मार्गदर्शन मिलता है।
School-based programmes and counselling mechanisms
टेली-हेल्पलाइन और NGO समर्थन
यह एक डिजिटल हेल्पलाइन है जो फोन और वीडियो पर काउंसलिंग और आपातकालीन सहायता देती है।
स्कूल-स्तरीय तैयारी (School-level preparedness): पर्यवेक्षण और जागरूकता
parent and school collaboration
जब माता-पिता स्कूल गतिविधियों में सक्रिय रहते हैं, तो बच्चों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याएँ कम होती हैं।
school nurse or health worker
स्कूलों में मौजूद स्वास्थ्य कर्मचारी शुरुआती पहचान और सही मार्गदर्शन में मददगार हो सकते हैं।
Mental health awareness campaign
पोस्टर, प्रतियोगिताएँ, और पेरेंट-टीचर मीटिंग में मानसिक स्वास्थ्य शामिल करने से यह विषय सामान्य बनता है और कलंक कम होता है।
How to access mental health resources for students in schools – a parent’s guide
(पहले वाला कंटेंट जस का तस रहेगा, अब इसमें नई हेडिंग्स भी शामिल होंगी)
How to recognize the signs of mental health?
कई बार बच्चे खुलकर नहीं बताते कि वे परेशान हैं। इन लक्षणों पर ध्यान दें:
यदि ये संकेत लगातार दिखें तो तुरंत कदम उठाएँ।

What can parents do at home?
स्कूल की मदद के साथ-साथ घर पर भी कुछ बातें बच्चों के लिए बहुत फायदेमंद होती हैं:
खुली बातचीत रखें
– बच्चे को सुनें, टोकें नहीं।
रूटीन बनवाएँ
– पढ़ाई, खेल और आराम का संतुलन।
सकारात्मक माहौल
– परिवार का सहयोग और प्यार बच्चे को सुरक्षित महसूस कराता है।
स्क्रीन टाइम नियंत्रित करें
– ज्यादा मोबाइल या टीवी भी तनाव बढ़ा सकता है।
Role of teachers and staff
स्कूल के शिक्षकों और स्टाफ का भी बड़ा योगदान होता है:
Summary – At a Glance
Area | What to do |
सरकारी और विद्यालय कार्यक्रम | मनोडर्पण, NCERT काउंसलिंग, CBSE मॉडल, Happiness Curriculum, स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम |
टेली सहायता | Tele-MANAS, वंद्रेवाल फाउंडेशन, AASRA, अन्य हेल्पलाइन्स |
जागरूकता और सहयोग | माता-पिता की भागीदारी, स्कूल नर्स, जागरूकता अभियान, कार्यशालाएँ |
Conclusion
“बात छुपाने से समस्या बढ़ती है। अपने बच्चे से बातचीत करें, सवाल पूछें और स्कूल के साथ मिलकर काम करें। जब परिवार, शिक्षक और विद्यार्थी एक साथ कदम बढ़ाते हैं—तो बच्चे का आत्मविश्वास और मानसिक स्वास्थ्य दोनों बेहतर होते हैं।”